वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी

बचपन अनमोल है, सुकोमल स्वच्छ मन, कोई चल प्रपंच नही। तुरंत नाराज और छोटी सी बात पे खुश। वो कागज के जहाज, वो तितली के पीछे भागना, वो मेढक को पत्थर मारना,टिप टिप बूंदों को निहारना, बारिश में भीग जाना, वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी।

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