अनमोल रिश्ते
रिश्तों के टूटने की आवाज नहीं होती, बस यूं ही हम कुछ बेशकीमती अनमोल रिश्ते खो देते हैं । अपनी लापरवाही से, तिरस्कार से, नासमझी से, स्वार्थ में..
यह बहुत ही दुखद बात है कि हम अपने बेहतरीन रिश्तों को अपनी लापरवाही की वजह से खो देते हैं। रिश्तों को नुकसान पहुंचाने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे कि आपसी सहमति न होना, भ्रम, दोष ढूंढना, स्वार्थ, और अन्य समस्याएं।
जब एक रिश्ता टूट जाता है, तो यह असंभव होता है कि हम इसे दोबारा वापस लाएं। हालांकि, हम यह सोच सकते हैं कि यदि हम अपने रिश्तों की देखभाल करते रहते हैं, तो हम इस दुख को टाल सकते हैं।
इसलिए, हमें हमेशा अपने रिश्तों के लिए समय निकालना चाहिए, उन्हें समझना चाहिए, उनकी समस्याओं और चुनौतियों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। हमें अपने रिश्तों की समझदारी और जिम्मेदारी लेनी चाहिए ताकि हम उन्हें सुरक्षित रख सके।
रहिमन कवि कहते हैं "रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय। टूटे से फिर ना जुड़े जुड़े गांठ पड़ जाए" ।।एक बार जब रिश्ते में खटास आ जाती है तो उस रिश्ते में वह सौंदर्य और प्रेम लौट के आ पाना बहुत मुश्किल होता है।
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